भोजपुरी सिनेमा की जानी मानी अभिनेत्री रानी चटर्जी अपनी जिन्दगी में एक बुरे दौर से गुजर रही हैं। पिछले 8 सालों से एक व्यक्ति उन्हें सोशल मीडिया पर हर आए दिन भद्दे कमेंट भेजता हैं, उनकी बॉडी शेमिंग करता हैं जिसकी वजह से अभिनेत्री इस कदर डिप्रेस्ड हो चुकी हैं कि अब उन्हें आत्महत्या के ख्याल आने लगे हैं।
इस पूरे विवाद पर रानी चटर्जी ने दैनिक भास्कर से खुलकर बातचीत की जहां उन्होंने बताया कि वो पिछले कुछ सालों से मानसिक तनाव से गुजर रही हैं और अब उनमें इस सिचुएशन को संभालने की हिम्मत नहीं हैं। अगर उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली तो वो आगे चलकर आत्महत्या कर लेंगी।
अपने बारे में इतनी गंदी-गंदी बातें पढ़कर मैं हताश हो गई हूं
2012 से धनंजय सिंह नाम का ये व्यक्ति मुझे परेशान कर रहा हैं। मैं कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर डालूं तो वो उस पर भद्दे कमेंट करता हैं। उसका कमेंट पढ़कर लोग और भी भद्दे कमेंट करते हैं। शुरुआत में मैंने उसे इग्नोर किया लेकिन अब मुझसे सहन नहीं हो पा रहा है। अपने बारे में इतनी गंदी-गंदी बातें पढ़कर मैं हताश हो गई हूं। कोशिश की अपने आपको पॉजिटिव रखने के लिए लेकिन अब नहीं हो पा रहा हैं। मैंने उस व्यक्ति को ब्लॉक कर दिया लेकिन लोग उसके स्क्रीन शॉट्स लेकर मुझे भेजते हैं, मेरे सोशल पेज पर अपलोड करते हैं। कोशिश रहती हैं की इन सबसे खुद को दूर रखूं लेकिन अब नहीं हो पा रहा हैं। बहुत परेशान हूं और काफी डिप्रेस्ड हो चुकी हूं।
वो पर्सनल अटैक कर रहा हैं:
एक सेलिब्रिटी होने के नाते मुझे पता हैं कि इन सभी चीजों की आदत होनी चाहिए। जरूरी नहीं की लोग आपको पसंद करें, ऑडियंस को पूरा हक हैं आलोचना करने का। लेकिन जिस तरह ये व्यक्ति मेरे बारे में लिखता हैं वो बहुत ही गंदा तरीका हैं। वो पर्सनल अटैक कर रहा हैं। मेरे रंग, मोटापा, शादी को लेकर बार-बार अटैक करता हैं। कुछ दिन पहले मैंने दुबई से कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर अपलोड की थीं, उस पर भी उसने भद्दे कमैंट्स किए, ये कहकर की मेरे पास दुबई या बैंकाक जाने के पैसे कहां से आए? वो मेरे करैक्टर पर सवाल उठाता हैं। लोग उसे पढ़कर और भी भद्दे कमैंट्स देते हैं जो मानसिक तौर पर काफी तनावपूर्ण हैं।
आत्महत्या करने के अलावा मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं होगा:
टेक्निकली वो मेरा पूरा नाम नहीं लिखता हैं जिसकी वजह से साइबर क्राइम अफसर भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं। मैंने कई बार साइबर सेल में शिकायत की हैं लेकिन अब तक किसी तरह की मदद नहीं मिली। इतने सालों बाद इस बारे में बात करने की वजह बस यही हैं कि अब मुझे आत्महत्या करने के ख्याल आने लगे हैं। मैं पूरी तरह से डिप्रेशन में चली गई हूं और नींद की गोलियां ले रही हूं। अपने बारे में इस तरह की बातें सुनकर मेरा दिमाग अब काबू में नहीं हैं। डिप्रेशन का इलाज चल रहा है। अगर ये सिलसिला यूं ही चलता रहा तो आत्महत्या करने के अलावा मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं होगा। जिसका जिम्मेदार धनंजय सिंह ही होगा। मैं सोशल मीडिया से बाहर तो आ जाऊं लेकिन मेरे घर वाले भी इससे बहुत तकलीफ में हैं। मैं मुंबई पुलिस से गुहार लगाना चाहती हूं की वे मेरी मदद करें।
कल उठकर मैंने कोई कदम उठाया तो उसका जिम्मेदार ये आदमी हो होगा:
मैं अपनी जिन्दगी से बहुत खुश थी, अपने करियर से भी संतुष्ट हूं। जो कुछ भी हासिल किया अपने बलबूते पर हासिल किया हैं। लेकिन इस एक घटिया इंसान ने पिछले कुछ सालों में मेरी जिन्दगी ही बदल दी। मुझे डिप्रेशन में डाल दिया। अगर कल उठकर मैंने कोई कदम उठाया तो उसका जिम्मेदार ये आदमी हो होगा।
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