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Tuesday, September 1, 2020

बिल्लियों को कोरोना से बचाने वाली दवा से कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा सकता है, यह वायरस की संख्या बढ़ाने वाले प्रोटीन को ब्लॉक करती है

बिल्लियों को कोरोना का संक्रमण होने पर दी जाने वाली दवा (GC373 और GC376) इंसानों को भी फायदा पहुंचा सकती हैं। यह दावा कनाडा की अल्बर्टा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने किया है। रिसर्चर्स के मुताबिक, यह दवा संक्रमण के बाद शरीर में कोरोना की संख्या (रेप्लिकेशन) बढ़ने से रोकती है। ऐसा होने पर संक्रमण रुकता है।

दवा कोरोना के प्रोटीन को तोड़ती है
अल्बर्टा यूनिवर्सिटी में बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट की प्रो. जॉनी लीमेक्स कहती हैं, शरीर में कोरोना को अपनी संख्या बढ़ाने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है। हमने ऐसी दवा अलग की है जो इसी प्रोटीन को तोड़ती है ताकि संक्रमण के बाद कोरोना खुद को मरीज के शरीर में रेप्लिकेट न कर पाए।

खासतौर पर बिल्लियों के लिए तैयार हुई थी दवा
प्रो. जॉनी लीमेक्स के मुताबिक, पहले यह दवा बिल्लियों में कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए तैयार की गई थी। यह दवा इंसानों पर कितना असरदार है, इस पर 2003 में उस समय रिसर्च की गई थी जब सार्स महामारी फैली थी।

लैब में दिखा दवा का असर
प्रो. जॉनी लीमेक्स के मुताबिक, नए कोरोनावायरस के मामले बढ़ने पर हमने तय किया कि इस ड्रग पर रिसर्च करते हैं और पता करते हैं कि क्या यह वायरस को रोकने में मदद करती है या नहीं। इसके लिए एक टेस्ट ट्यूब में इंसानी कोशिकाओं और कोरोना को शामिल किया गया है। इसके बाद दवा का असर देखा गया। परिणाम सकारात्मक मिले।

अब ह्यूमन ट्रायल कराने की तैयारी
लीमेक्स मानती हैं, इस ड्रग से कोरोना पीड़ितों का इलाज किया जाता है तो यह असरदार साबित होगा। इसलिए ड्रग का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए अनुमति लेने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा इस ड्रग को अलग-अलग से इस्तेमाल करने की तैयारी भी जारी है।

अप्रैल में मिला था बिल्लियों में कोरोना का पहला मामला

21 अप्रैल को न्यूयॉर्क की दो पालतू बिल्लियां कोरोनावायरस से संक्रमित मिली थीं। प्रशासन के मुताबिक, बिल्लियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई और अमेरिका में संक्रमित होने वाली ये पहली पालतू जानवर थीं। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, बिल्लियों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। माना जा रहा है कि इन्हें घर या पड़ोस के लोगों से संक्रमण हुआ। अप्रैल में ही न्यूयॉर्क सिटी के ब्रॉन्क्स चिड़ियाघर में 4 साल की बाघिन भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। 22 अप्रैल को यहां संक्रमण का दायरा बढ़ा और 4 बाघ और 3 शेर कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

बिल्ली से दूसरे जानवरों में संक्रमण का खतरा ज्यादा : चीनी शोधकर्ता

चीनी शोधकर्ता पहले ही पालतू बिल्लियों के मालिकों को सतर्क रहने की सलाह दे चुके हैं। चीन के हरबिन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का कहना है कि एक बिल्ली के संक्रमित होने पर दूसरे जानवर जैसे कुत्ते, मुर्गी, सुअर और बत्तख में कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा है। बेल्जियम में एक बिल्ली के कोरोना संक्रमित होने पर उसे सांस लेने में तकलीफ, उलटी और डायरिया के लक्षण मिले थे।



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