ब्रिटेन में जल्द ही एंटी-कोविड नेजल स्प्रे बाजार में उपलब्ध कराया जा सकता है। इस स्प्रे की मदद से नाक तक दवा पहुंचाई जाएगी जो 48 घंटे तक इंसान को कोरोना से बचाएगी। स्प्रे में ऐसा केमिकल का प्रयोग किया गया है जो कोरोना की इंसानी कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता को कमजोर करता है।
इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी कहती है, स्प्रे का इस्तेमाल हाई रिस्क जोन में मौजूद लोगों पर किया जा सकता है, जैसे हेल्थकेयर वर्कर, फ्लाइट्स या क्लासरूम।
कैसे काम करेगा एंटी-कोविड स्प्रे
- स्प्रे में कैरेगीनेन और गैलेन का प्रयोग किया गया है जो स्प्रे को गाढ़ा बनाते हैं। दावा है कि यह केमिकल इंसानों के लिए सुरक्षित हैं और इनका प्रयोग करने के लिए अप्रूवल मिल चुका है।
- इस रिसर्च से जुड़े डॉ. रिसचर्ड मोएक्स कहते हैं, स्प्रे में ऐसे रसायन हैं जिनका इस्तेमाल आमतौर पर फूड और मेडिसिन में किया जाता है। गैलेन रसायन नाक के अंदर पहुंचते ही एक लेयर बना देता है।
- ऐसा होने के बाद अगर कोरोनावायरस पहुंचता है तो यह लेयर वायरस पर चढ़ जाती है और छींक या झटके से नाक के बाहर फेंक दिया जाता है।
स्प्रे के बाद भी कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा
डॉ. रिचर्ड का कहना है, स्प्रे करने के बाद भी इंसान को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और हैंड वॉश करने की कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा। डॉ. सिमोन क्लार्क के मुताबिक, कोरोना के लक्षण तभी दिखते हैं जब यह फेफड़ों तक पहुंच जाता है लेकिन नया स्प्रे इसे वहां तक पहुंचने की नहीं देगा।
यह स्प्रे संक्रमण को रोकने का काम करेगा लेकिन कोविड गाइडलाइन का पालन करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कोरोना मुंह या आंखों से भी शरीर में एंट्री कर सकता है।
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