अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसा सेंसर डेवलप किया है जो फैटी लिवर नाम की बीमारी का पता लगाता है। सेंसर की मदद से लिवर की जांच की जाती है। इसे तैयार करने वाले मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के माइकल सीमा का कहना है, इस सेंसर से जांच के लिए शरीर में किसी तरह का चीरा नहीं लगाना पड़ता है। लक्षण दिखने से पहले बीमारी का पता लगाया जा सकता है। इससे जांच करने पर यह भी बताया जा सकता है कि किस मरीज को लिवर फाइब्रोसिस था।
ऐसे काम करता है सेंसर
वैज्ञानिकों के मुताबिक, डिवाइस को टेबल पर फिट किया जा सकता है। यह सेंसर न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेसोनेंस की मदद से यह पता लगाता है कि शरीर के टिश्यूज से कितना पानी अलग हो रहा है। इससे यह समझा जा सकता है कि लिवर में कितना फैट है।
क्या है फैटी लिवर
जब लिवर में फैट अधिक बढ़ जाता है तो इसे फैटी लिवर कहते हैं। इसमें फैट अधिक बढ़ने पर लिवर में सूजन शुरू हो जाती है लम्बे समय के इलाज न होने पर यह पूरी तरह से डैमेज हो सकता है। फैटी लिवर के मामले ऐसे लोगों में अधिक सामने आते हैं जो अल्कोहल अधिक लेते हैं। फैटी लिवर का इलाज न होने पर लिवर फायब्रोसिस में तब्दील हो जाता है और हालत बिगड़ सकती है।
चूहे पर हुआ प्रयोग रहा सफल
वैज्ञानिकों का कहना है, सेंसर का प्रयोग चूहे पर किया गया है। इससे 86 फीसदी तक लिवर फायब्रोसिस और 92 फीसदी तक फैटी लिवर डिसीज के सटीक परिणाम बताता है। यह 10 मिनट में रिजल्ट बताता है लेकिन वैज्ञानिक और भी कम समय में परिणाम बताने के लिए इस पर काम कर रहे हैं।
स्किन के 6 मिमी नीचे तक स्कैन कर सकता है
वैज्ञानिकों के मुताबिक, नए सेंसर की मदद से स्किन के नीचे 6 मिली गहराई तक स्कैनिंग की जा सकती है। इससे मॉनिटर पर देखकर लिवर का हाल जाना जा सकता है। सेंसर और भी गहराई तक नजर रख सके इस पर भी काम जारी है।
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