DecoreInHome News

here, you will get all the latest updates in Bollywood in Hindi and their interesting facts, new release movie, tv-show, web series, decorative arts and much more.

Thursday, January 7, 2021

मुकेश छाबड़ा ने कहा, ‘स्कैम 1992’ में प्रतीक गांधी की सक्सेस ने दिखा दिया कि पूरा गेम टैलेंट का है, छोटे-बड़े स्टार होने का नहीं

बॉलीवुड के लिए ये साल काफी मुश्किलों से भरा रहा। कोरोना लॉकडाउन के कारण कई फिल्मों की रिलीज अटकने से करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही साथ ही सुशांत सिंह राजपूत की मौत भी जिंदगी भर का गम दे गई। बॉलीवुड के जाने-माने कास्टिंग डायरेक्टर और फिल्म डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा भी साल 2020 को बेहद उतार-चढ़ाव भरा करार देते हैं। दैनिक भास्कर से उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बात की।

'स्कैम 1992' में भी हर्षद मेहता के रोल में प्रतीक गांधी का नाम कैसे दिमाग में आया? इस सीरीज में कास्टिंग कितनी मुश्किल थी?

प्रतीक का काम मैंने पहले देखा हुआ था। उन्होंने 'लवयात्री' में छोटा सा किरदार निभाया था। इसके अलावा मैंने कई गुजराती फिल्मों में भी उन्हें देखा हुआ था। ऐसे में जब हंसल मेहता ने हर्षद मेहता के रोल के लिए किसी को कास्ट करने के लिए सलाह मांगी तो मैंने उन्हें प्रतीक का नाम सुझाया। प्रतीक उन्हें जम गए और इस तरह वह हर्षद मेहता बन गए। ये देखकर बेहद खुशी होती है कि उन्हें अब देश का बच्चा-बच्चा जानने लगा है। वह बेहतरीन एक्टर हैं। मैं जानता था वो इस रोल के लिए परफेक्ट हैं। इससे ये साफ हो गया कि पूरा गेम टैलेंट का है ना कि बड़े और छोटे स्टार का।

साल 2020 को आप किस तरह याद रखेंगे?

हम सब के लिए ये साल बेहद मुश्किलों भरा रहा। मेरे लिए कुछ ज्यादा था। सुशांत की मौत ने पर्सनली मुझे बहुत बड़ा घात पहुंचाया और इस बीच 'दिल बेचारा' रिलीज करनी पड़ी। इस साल से एक चीज ये सीखने को मिली कि हमें कभी चीजों को हल्के में लेने की गलती नहीं करनी चाहिए। नेगेटिविटी फैलाना बंद कीजिए और सबके साथ अच्छे से पेश आइए, इस साल ने यही सिखाया।

कोरोना लॉकडाउन के बाद काम करने के तरीके में क्या बदलाव आए?

बदलाव तो बहुत आए हालांकि हमारा काम रुका नहीं बल्कि बढ़ गया। अब हम काफी ज्यादा ऑनलाइन ऑडिशन ले रहे हैं। महामारी के दौरान कई लोगों के ऑडिशन हुए और उन्हें काम मिला। अब देश के छोटे से छोटे कोने से व्यक्ति हमें ऑडिशन भेज सकता है और काम पा सकता है। पहले उसे मुंबई आना पड़ता था, घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। काफी पैसे भी खर्च होते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। मैं मुंबई-दिल्ली के अलावा कई अन्य शहरों में भी अपने ऑफिस खोल रहा हूं ताकि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम देने में सफल हो पाएं।अब तो मेरी टीम के कई मेंबर्स भी दूसरे शहरों में रहकर वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऑनलाइन रहकर काम करना हम आगे भी जारी रखेंगे।

पहले फिल्म की कास्टिंग पर उतनी बात नहीं होती थी, आपके आने के बाद ये धारणा बदली, अब पूछा जाता है कि कास्टिंग किसने की? इस बदलाव को कैसे देखते हैं?

मैं खुशनसीब हूं कि मैं ये बदलाव लाने में कामयाब रहा। आगे भी ऐसे ही काम करता रहूंगा ताकि कई बेहतरीन टेलेंटेड लोगों को दर्शकों के सामने ला सकूं।

‘दिल्ली क्राइम’ बहुत ही सेंसिटिव सब्जेक्ट पर बनी थी, ऐसे में इसकी कास्टिंग के वक्त आपने लीड रोल में शेफाली शाह को कैसे सिलेक्ट किया?

हम कास्टिंग डायरेक्टर्स की याददाश्त बहुत तेज होती है। बहुत साल पहले मैंने शेफाली जी के काम को देखा था इसलिए जब दिल्ली क्राइम की कास्टिंग की बात आई तो उनका चेहरा अपने आप ही मेरी आंखों के सामने आया। हमें कोई ऐसा चेहरे को कास्ट करना था जो बिलकुल रियल लगे और शेफाली जी इसके लिए बिलकुल सटीक थीं।

आप कास्टिंग डायरेक्टर के साथ-साथ डायरेक्टर और एक्टर भी हैं, आगे कौन सी फिल्मों का डायरेक्शन और एक्टिंग करते नजर आएंगे?

'दिल बेचारा' के बाद फिलहाल तो मैं डायरेक्शन के बारे में नहीं सोच रहा और ना ही एक्टिंग। अभी कास्टिंग का ही बहुत ज्यादा काम है तो इसी पर फोकस है। मेरा फोकस 2021 में यही रहेगा कि खूब सारे टैलेंटेड लोगों को स्क्रीन पर दिखने का मौका मिले।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Bollywood casting director Mukesh Chhabra's latest interview


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3b3Mqro
https://ift.tt/38nzsmA
via IFTTT

No comments:

Post a Comment