देश भर में 500 से ज्यादा फिल्में थिएटर रिलीज का इंतजार कर रही हैं। इस मामले को लेकर दो दिन पहले फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गृहमंत्री अमित शाह के सामने इस मामले में अपनी मांग रखी है। इसके उलट मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के उस फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि राज्य में फुल स्ट्रेंथ के साथ थिएटर खोले जाएंगे।
पोंगल से पहले आया था फैसला
तमिलनाडु सरकार ने एक्टर विजय और सिलाम्बरासन की रिक्वेस्ट पर पोंगल से पहले थिएटर्स की 100 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी की घोषणा की थी। विजय की मास्टर और सिलाम्बरासन की इस्वरन पोंगल पर रिलीज होने वाली हैं। इसके पहले भी साउथ सिनेमा के थिएटर मालिक, डिस्ट्रीब्यूटर्स, प्रोड्यूसर ने सीएम ईके पलानीस्वामी से मुलाकात कर सिनेमाहॉल की स्ट्रेंथ फुल करने की मांग की थी।
गृहमंत्रालय ने ही इस फैसले के बाद सरकार के सचिव को लिखा था सरकार का फैसला केंद्र की उस गाइडलाइन का उल्लंघन है, जिसमें थिएटर्स को केवल 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ ही खोला जाना पिछले साल अक्टूबर में ही निर्धारित कर दिया गया था।
ट्रांसपोर्ट से ज्यादा सेफ हैं थिएटर्स
फेडरेशन का कहना है कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी 100% क्षमता के साथ काम कर रहा है लेकिन हमारे सिनेमा हॉल् और थिएटर्स जो ज्यादा सुरक्षित हैं, उनको लेकर 50 प्रतिशत सीट्स की बाध्यता है। हमारे थिएटर्स ट्रांसपोर्ट सेक्टर की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हैं। हमारा सिनेमा लॉकडाउन में पूरी तरह अपंग हो गया है। इसके फिर से दुरुस्त होने के लिए हमें त्योहारों और हॉलिडेज पर फुल स्ट्रेंथ ऑक्यूपेंसी चाहिए।
लैटर में आगे लिखा है- आने वाले समय में खास तौर पर जब पोंगल, संक्रांति, लोहड़ी, रण उत्सव, भोगाली, बिहू और रिपब्लिक डे जैसे त्योहार हैं। हम एक बार फिर से प्रार्थना करते हैं कि सिनेमा को फुल स्ट्रेंथ के साथ खोले जाने के आवेदन पर सरकार ध्यान दे। हम दर्शकों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगे।
गृहमंत्री के अलावा फेडरेशन ने यही मांग सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़ेकर और जी किशन रेड्डी से भी की है। लैटर फेडरेशन के अध्यक्ष एस थानू की ओर से लिखा गया है।
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