एक्ट्रेस कंगना रनोट अपनी बहन रंगोली चंदेल के साथ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज करवाने पहुंची हैं। दोनों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। कंगना को पूछताछ के लिए तीन बार समन किया जा चुका है, लेकिन भाई की शादी की वजह से वह पेश नहीं हुईं थीं। अगर उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
एक्ट्रेस पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर फूट डालने के आरोप लगे हैं। कंगना के खिलाफ इसी तरह के एक मामले में तुमकुर (कर्नाटक) में भी FIR हुई थी। उन पर किसानों का अपमान करने के आरोप लगे थे।
इससे पहले 25 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनोट और उनकी बहन रंगोली चंदेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों को 8 जनवरी को बांद्रा पुलिस स्टेशन में हाजिर होने का आदेश दिया था।
जस्टिस एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ ने वकील रिजवान सिद्दीकी की इस बात को स्वीकार कर लिया कि दोनों बहनें उनके खिलाफ दिए गए समन के जवाब में मुंबई पुलिस को रिपोर्ट करेंगी।
कंगना पर याचिकाकर्ता के यह थे आरोप
याचिकाकर्ता वकील साहिल अशरफ अली सैयद ने बांद्रा कोर्ट में दायर एक अर्जी में कहा था कि कंगना रनोट पिछले कुछ महीनों से लगातार बॉलीवुड को नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का हब बताकर इसका अपमान कर रही हैं। वे सोशल मीडिया और टीवी इंटरव्यू के जरिए वे हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच फूट डाल रही हैं।' साहिल ने अपने सबूत में सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट का हवाला दिया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस
बांद्रा के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव वाय घुले ने कंगना के खिलाफ CRPC की धारा 156 (3) के तहत FIR दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। इस पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने कंगना और उनकी बहन के खिलाफ इन धाराओं में केस दर्ज किया है।
- धारा 153 A: आईपीसी की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। इसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
- धारा 295 A: इसके अंतर्गत वह कृत्य अपराध माने जाते हैं जहां कोई आरोपी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के विमर्शित और विद्वेषपूर्ण आशय से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है।
- धारा 124 A: यदि कोई भी व्यक्ति भारत की सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है। जिससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा।
- धारा 34: भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अनुसार, जब एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।
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