DecoreInHome News

here, you will get all the latest updates in Bollywood in Hindi and their interesting facts, new release movie, tv-show, web series, decorative arts and much more.

Thursday, January 7, 2021

मृतक संघ ने जिंदा होकर बताया अजब है 'कागज' की गजब कहानी, दावा है बोर नहीं होंगे

उमेश उपाध्याय. अर्से बाद कुछ इस तरह की कहानी बतौर निर्देशक सतीश कौशिक लेकर आए हैं, जो एक सच्ची घटना से प्रेरित है, पर हास्य-व्यंग्य की चाशनी में डुबोकर इसे मनोरंजक ढंग से बनाया गया है। इस फिल्म को सलमान खान ने प्रजेंट किया है और इसके मुख्य कलाकार पंकज त्रिपाठी, मोनल गज्जर, मीता वशिष्ठ, सतीश कौशिक, अमर उपाध्याय हैं।

कहानी सीधी-सिंपल एक कागज यानी प्रमाण-पत्र हासिल करने की है, लेकिन इसे हासिल करने के दौरान लेखपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक में हलचल मच जाती है। परत-दर-परत सिस्टम की पोल खुलती है। पर असल विलेन कागज ही होता है। कहानी के अनुसार, भरत लाल (पंकज त्रिपाठी) के चाचा-चाची उसे मरा हुआ घोषित करवाकर उसकी जमीन हड़प चुके हैं।

भरत लाल कागज पर जिंदा होने के लिए लेखपाल से लेकर कोर्ट-कचहरी तक चक्कर लगाता है, लेकिन काम बनते न देख वह तरह-तरह की तरकीब लगाकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाता है। हर बार उसे ही मुंह की खानी पड़ती है। उसके इस संघर्ष-भरे सफर में उसकी पत्नी, प्रेस रिपोर्टर, विधायक अशरफी देवी (मीता वशिष्ठ) और उसके जैसे पीड़ित तमाम लोग मृतक संघ बनाकर उसका साथ देते हैं।

भरत लाल का विवशता में उठाया गया नाटकीय कदम एक तरफ गुदगुदाता है तो दूसरी तरफ उसकी विवशता और सिस्टम की लाचारी और लापरवाही रोष भी पैदा करती है।

एक्टिंग में अव्वल रहे पंकज
पहली बार पंकज त्रिपाठी लीड रोल भरत लाल के किरदार में नजर आए हैं और इसकी जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई है। दिलचस्प डायलॉग और उसकी डिलीवरी सधे अंदाज में की है। वहीं भरत लाल की पत्नी रुकमणि बनीं मोनल गज्जर की अदाकारी सोने पर सुहागा का काम करती है। सतीश कौशिक फसादी वकील साधोराम केवट के किरदार में गुदगुदाते हैं तो मीता वशिष्ठ और अमर उपाध्याय का काम भी सराहनीय है।

फिल्म में संदीपा धर का आइटम सांग- सइयां सौतनों से भरे सारे यूपी के बाजार... बड़ा मजेदार बन पड़ा है। हो सकता है यह गाना लोगों की जुबान पर भी चढ़ जाए। फिल्म में सलमान खान की आवाज भी सुनाई पड़ती है, जो सारगर्भित लगती है। कहानी को जीवंत बनाने में लोकेशन का भी बड़ा हाथ है। खेत-बाग, स्कूल से लेकर दफ्तर हो या अदालत, सारे लोकेशन कहानी के मुताबिक सच्चे लगते हैं। कुल मिलाकर फिल्म मजेदार है। इसे हास्य और सामाजिक मुद्दों में रुचि रखने वाले दर्शक जरूर देख सकते हैं, दावा है कि बोर नहीं होंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Movie review pankaj Tripathi starrer kagaz


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35kuSUn
https://ift.tt/3op6DvF
via IFTTT

No comments:

Post a Comment